नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत में इनोवेशन की अपार संभावनाएं हैं और ऐसे में देश के युवाओं का भविष्य भी उज्जवल नजर आता है। यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, गाजियाबाद द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कही।
अब ग्लोबल परिपेक्ष्य में ढालने का जरुरत
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि समावेशी और सतत आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में नवाचार की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति को अब ग्लोबल परिपेक्ष्य में ढालने का जरुरत है। उन्होंने कहा कि नीति, प्रौद्योगिकी और शिक्षा को एक साझा मंच मुहैया कराना बेहद जरुरी है।
उन्होंने कहा, "इनोवेशन के जरिए आज हमारे पास अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट-अप का मूवमेंट तेज करने की क्षमता है। भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरी सबसे बड़ी बनने की राह पर निकल पड़ा है। ऐसे में इनोवेशन की संभावना बहुत बड़ी है। हम देश के युवाओं का भविष्य इससे जुड़ा हुआ है।'
बता दें कि जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अपने परिसर में RISE 2025: टिकाऊ अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार नवाचार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में दुनिया भर के विचारक, उद्योग पेशेवर, शोधकर्ता और शिक्षाविदों ने अपने विचार साझा किए। इस दौरान जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक प्रो. दविन्दर नारंग ने सम्मानित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
सेठ आनंदराम जयपुरिया एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया ने इस मौके पर नवाचार जीवनचक्र के हर चरण में नैतिकता और जिम्मेदारी को एकीकृत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिक टिकाऊ और समावेशी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए शिक्षा और उद्योग को मिलकर काम करना चाहिए।
Published by Navodaya Times